सूर्य का स्थान नवग्रह में काफी मह्त्वपूर्ण माना जनता और इस लिए सूर्य गृह को सभी ग्रहों का राजा कहा जाता है | सूर्य का स्थान हमारे संबंधो में देखा जा सकता है , हमरे परिवार में पिता के स्थान को दर्शाता है | अच्छा सूर्य जीवन में मान सम्मान और कीर्ति लाता है | अगर आप का सूर्य कमजोर है तो आप को सूर्य मंत्र और सूर्य कवच का पाठ नित्य दिन प्रातः ब्रम बेला में अवश्य करना चाइये |
Surya Kavacham Srotram
II अथ श्रीसूर्यकवचस्तोत्रम् II
श्री गणेशाय नमः I
याज्ञवल्क्य उवाच I
श्रुणुष्व मुनिशार्दूल सूर्यस्य कवचं शुभम् I
शरीरारोग्यदं दिव्यं सर्व सौभाग्यदायकम् II १ II
दैदिप्यमानं मुकुटं स्फ़ुरन्मकरकुण्डलम् I
ध्यात्वा सहस्रकिरणं स्तोत्रमेतदुदीरयेत् II २ II
शिरो मे भास्करः पातु ललाटे मेSमितद्दुतिः I
नेत्रे दिनमणिः पातु श्रवणे वासरेश्वरः II ३ II
घ्राणं धर्म धृणिः पातु वदनं वेदवाहनः I
जिह्वां मे मानदः पातु कंठं मे सुरवंदितः II ४ II
स्कंधौ प्रभाकरं पातु वक्षः पातु जनप्रियः I
पातु पादौ द्वादशात्मा सर्वागं सकलेश्वरः II ५ II
सूर्यरक्षात्मकं स्तोत्रं लिखित्वा भूर्जपत्रके I
दधाति यः करे तस्य वशगाः सर्वसिद्धयः II ६ II
सुस्नातो यो जपेत्सम्यक् योSधीते स्वस्थ मानसः I
स रोगमुक्तो दीर्घायुः सुखं पुष्टिं च विंदति II ७ II
II इति श्री माद्याज्ञवल्क्यमुनिविरचितं सूर्यकवचस्तोत्रं संपूर्णं II
श्री सिद्धकुञ्जिकास्तोत्रम् | Siddha Kunjika Stotram सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ परम कल्याणकारी है। इस स्तोत्र का पाठ मनुष्य के जीवन में आ रही समस्या और विघ्नों को दूर करने वाला है। इस में माता की सभी रूपों की अस्तुति वर्णित है और इस स्रोत्र के बिना सप्तशती पाठ का फल आधा माना जनता है | …
Kanakadhara Stotram ‘कनकधारा स्तोत्र ‘ का पाठ दीपावली पर विशेष फलदायक होता है | इसे माँ भगवती का आशीर्वाद मिलता है | इस के साथ साधक को सर्वत्र सुख-शांति और समृद्धि प्राप्त होता है | कनक धारा स्तोत्र श्री आद्य शंकराचार्य द्वारा लिखा गया है | माँ लक्ष्मी अगर प्रसन हो जाये तो साधक को…
Navagraha Stotra – नवग्रह स्रोत्र जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महदद्युतिम् I तमोरिंसर्वपापघ्नं प्रणतोSस्मि दिवाकरम् II १ II दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णव संभवम् I नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुट भूषणम् II २ II धरणीगर्भ संभूतं विद्युत्कांति समप्रभम् I कुमारं शक्तिहस्तं तं मंगलं प्रणाम्यहम् II ३ II प्रियंगुकलिकाश्यामं रुपेणाप्रतिमं बुधम् I सौम्यं सौम्यगुणोपेतं तं बुधं प्रणमाम्यहम् II ४ II देवानांच ऋषीनांच…
श्रीगणपती स्तोत्र के पढने का महत्व श्रीगणेशजी की आराधना बहुत मंगलकारी मानी जाती है। । प्रतिदिन प्रात: शुद्ध होकर श्रीगणपती स्तोत्र पाठ करने से गणेशजी की कृपा अवश्य प्राप्त होती है। यहां पाठकों के लिए पेश है श्रीगणपती स्तोत्र हिन्दी अनुवाद सहित पाठ | इस पाठ को करने से आर्थिक पक्ष को भी काफी बल…